विधि- उपरोक्त यन्त्र को गोरोचन, केशर और कुंकुम द्वारा चमेली की कलम से भोजपत्र के ऊपर लिखे तथा यन्त्र के मध्य में जहां देवदत्त लिखा है। वहां अपनी प्रेमिका का नाम लिखें। फिर यन्त्र का पूजन कर रात्रि के समय श्वेत वस्त्र धारण कर यन्त्र को
सामने रखकर प्रेमिका का चिन्तन करें। इस प्रकार सात दिन करके ब्राह्मण-स्त्रियों को भोजन कराये फिर यन्त्र को त्रिलोह को ताबीज में भरकर भुजा पर बाँधे तो प्रेमिका से मिलन होता है।
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