याक्षिणी साधना में सफलता प्राप्ति हेतु इस यंत्र का विधिवत प्रयोग अत्य लाभकारी सिद्ध होता है। इसके अतिरिक्त किसी अत्यन्त सुंदर स्त्री को आकर्षित करने के लिए भी इस यंत्र का प्रयोग किया जा सकता है।

मंत्र-

नखानामुद्योतै वनलिनरागं विहसता
कराणां ते कान्तिं कथय कथयामः कथमुमे।
कयाविद्वा साम्यं भजतु कलया हन्त कमलं
यदि क्रीडल्लक्ष्मीचरणतललाक्षारसचणम्॥

विधि-इस यंत्र को स्वर्ण, रजत, ताम्र अथवा भोजपत्र पर अंकित करवाकर पूजनादि करके प्राण-प्रतिष्ठित करें। यंत्र के समक्ष 20 दिन तक प्रतिदिन उक्त मंत्र का निष्ठापूर्वक 12000 जाप करें। संभव हो तो यह साधना (प्रयोग) बरगद के वृक्ष के नीचे बैठकर करें, शीघ्र लाभ होगा। प्रतिदिन यंत्र का पंचोपचार पूजन करके नैवद्य चढ़ाएं तथा वटवृक्ष का पूजन भी करें। इस प्रकार विधिपूर्वक प्रयोग करने से यह यंत्र सिद्ध हो जाता है और वांछित यक्षिणी को वश में किया जा सकता है।

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