यदि आप पूछें की ऐसी कौन सी वशीकरण सामग्री है जिसका प्रयोग करते ही कोई भी स्त्री या पुरुष का वशीकरण कर सकते हैं तो हमारा सीधा जवाब है – वशीकरण तिलक। जी हाँ, वशीकरण तिलक एक चमत्कारिक वशीकरण सामग्री है जिसके एक बार प्रयोग मात्र से ही आपको परिणाम दिखने लगेगा।

stri vashikaran tilak

वशीकरण तिलक के फायदे

वशीकरण तिलक मस्तक पर लगते ही आपके अंदर वशीकरण की अद्भुद शक्ति व्याप्त हो जाती है।
वशीकरण तिलक लगाने के पश्चात आपके पास आने वाले या संपर्क करने वाले सभी स्त्री और पुरुष आपके वश में हो जायेंगे।
इस तिलक का प्रयोग करने के बाद आप लोगों के मन में अपने लिए सदा के लिए एक सकारात्मक छवि व्याप्त करवा सकते हैं।

वशीकरण तिलक का प्रयोग किन कार्यों के लिए कर सकते हैं

वशीकरण तिलक का प्रयोग आप निजी और व्यावसायिक दोनों रिश्तों के लिए कर सकते हैं।
मनचाही स्त्री या पुरुष का वशीकरण करने के लिए।
कार्य क्षेत्र में अपनी प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए।
समाज में अपना नाम उत्पन्न करने के लिए।
यदि आप फिल्म जगत या मीडिआ में हैं तो लोग आपके आकर्षण से मंत्र मुद्घ हो जायेंगे।
वशीकरण तिलक का प्रयोग सम्भोग इत्यादि के लिए भी होता है।

कैसे प्राप्त करें वशीकरण तिलक

वशीकरण तिलक प्राप्त करने के लिए आपको हमें कुछ विवरण उपलब्ध करवाना होगा। ये विवरण आप ईमेल या व्हाट्सप्प द्वारा भेज सकते हैं। हमारे प्रतिष्ठित ब्राह्मण आपके लिए वशीकरण तिलक को सिद्ध करेंगे। सिद्धि पूर्ण होने के पश्चात आपको ये वशीकरण तिलक उपलब्ध हो जायेगा।

 

वशीकरण तिलक (Vashikaran Tilak) बनाने की सम्पूर्ण विधि मंत्र सहित

तिलक वशीकरण मंत्र
‘ॐ नमो आदेश गुरु को, राजा मोहुं, प्रजा मोहुं, ब्राह्मण बनियां,
हनुमंत ब्राह्मण बनियां, हनुमंत रूप में जगत मोहूं, तो रामचन्द्र
परमाणियां, गुरु की शक्ति, मेरी भक्ति,
फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा।’

विधि- शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करें व हनुमान जी की मूर्ति पर सिंदूर का चोला चढ़ायें। तत्पश्चात् 21 दिनों तक इस मंत्र की एक माला का प्रतिदिन जाप करें। जब आपको आवश्यकता हो तो इस मंत्र का जाप करते हुए किसी भी चौराहे से मिट्टी उठाकर उसका अपने मस्तक पर तिलक लगाकर जिस भी व्यक्ति के पास जायेंगे वह आपकी ओर आकर्षित होगा।


मंत्र- हाथ बसे हनुमन्त, भैरव बसे लिलार।

जो हनुमन्त का टीका करे मोहे सब संसार।

सो दीखे पांव लभन्ता, हनुमन्त वीर पूजता रहे।

मुहम्मदावीर छाती तोड़े, जगनिया वीर सिर गोड़े।

उगनिया वीर मरम्मत करे, नरसिंह वीर प्रकट गाजे।

भैरव वीर आन फिरती रहे, जो हमारे ऊपर घाव घाले।

पलट हनुमन्त वीर उसी को मारे।

जल बांधू, थल बाबूं, कुटुम्ब और कायाचेत रहे प्राणी।

हनुमन्त वीर माया ताई तरफ सवाई।

तपे लोहा, कच पड़े घाई, लाल चक्र चर्का।

आसमान छाया हॉक ललकार।

हनुमन्त वीर अक पानी हो जासे।

राजा महाराजाधिराज साहब के पूत।

धर्म के नाती तुम्हारा ही आसरा है।

विधि- शनिवार के दिन संध्या के समय हनुमान जी की पूजा करके मूर्ति को सिंदूरी रंग का चोला चढ़ाएं। फिर उनके सामने बैठकर 108 मंत्रों का 31 दिनों तक निरंतर जप करें।

मंत्र सिद्ध हो जाने के बाद जब इच्छा हो प्रातःकाल दायीं कनिष्ठिका अंगुली के ऊपर इस मंत्र को फूंककर बायें हाथ की हथेली पर इसी कनिष्ठिका अंगुली से केसर चन्द्र के तीन कुंडल बनायें। इन कुंडलों के मध्य में टीका बनायें, इस हथेली को जिस भी व्यक्ति को दिखाया जाएगा, वह पूर्णतया मोहित हो जाएगा।

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